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ओपीडी में गर्मी के कारण बेहोश हुई ट्रेनी स्टूडेंट

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कविता/ फरीदाबाद: जहां एक तरफ तापमान 40 से 41 डिग्री पर पहुंच रहा है। वहीं दूसरी तरफ बीके सिविल अस्पताल में केवल पंखों से ही गर्मी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां लगे एसी इतनी गर्मी में पूरी तरह से बंद पड़े है। ऐसे में अगर बिजली चली जाए तो यहां हाहाकार मच जाता है। ऐसा ही बीके सिविल अस्पताल में देखने को मिला। करीब 12 बजे के आसपास बत्ती गुल हो जाने से ओपीडी में अंधेरा छा गया। वहीं पंखे दस मिनट बंद रहने से यहां अंधेरे में मरीज परेशान हो गए। लिफ्ट, मशीनों के बंद होने से परेशानियां हुई। गर्मी के कारण जहां बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी परेशान नजर आए। इस गर्मी के कारण एक ट्रेनी स्टूडेंट यहां बेहोश हो गई। आनन फानन में अन्य साथी स्टूडेंटों ने चिकित्सक को दिखाया और उसे एक अलग कक्ष में भर्ती करवाया। 

स्टूडेंट बेहोश: चिकित्सकों की मदद को एसओएस और कई निजी अस्पतालों में नर्सिंग का कोर्स कर रहे स्टूडेंट बीके अस्पताल में ट्रेनिंग लेने आते हैं। सोमवार को बीके अस्पताल में सर्वोदय अस्पताल की नर्सिंग स्टूडेंट ट्रेनिंग लेने आई थी। अपातकालीन कक्ष में तैनात अर्चिता नामक नर्सिंग स्टूडेंट गर्मी के कारण चक्कर आने से बेहोश हो गई। उसे अस्पताल में स्टाफ नर्सों के कक्ष में भर्ती करवाया गया। 

कार्ड से हवा: अस्पताल में केवल पंखों से गर्मी का प्र्रकोप नहीं रूक रहा है। भर्ती बच्चों के परिजन उन्हें कार्ड या कागज से हवा करके राहत देने का कार्य करते नजर आ रहे हैं। सोमवार को बिजली गुल होने पर एक व्यक्ति वार्ड में कक्ष से बाहर निकलकर बच्चे को कार्ड से हवा करता नजर आया। बच्चों की नर्सरी में मौजूद मशीने भी बिजली गुल होने के कारण बंद हो गई। 

रिपेयरिंग का इशु: कर्मचारी, चिकित्सक और मौके पर मौजूद लोग अस्पताल में हो रही रिपेयरिंग को बिजली जाने का कारण बता रहे हैं। जबकि बीके शहर का सबसे बड़ा अस्पताल है, ऐसे में यहां होट लाईन की सुविधाएं होनी चाहिए। लेकिन पिछले करीब 12 सालों से यहां बिजली गुल होने पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है। जिस कारण मरीज-तीमारदार और यहां तक कि चिकित्सक और कर्मचारी टॉर्च की रोशनी में काम करते हैं।  

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