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नकल रहित वार्षिक परीक्षा - विद्यार्थियों को नकल रहित परीक्षा की शपथ दिलाई

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फरीदाबाद ; नकल रहित वार्षिक परीक्षा हेतु गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाई। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि नकल से पास की गई परीक्षा स्वयं विद्यार्थी के लिए हानिकारक ही है। नकल किसी के भी भविष्य को अंधकारमय बना देती है। नकल रहित परीक्षा से ही भविष्य संवर सकता है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी बिना किसी भी भय और दबाव के परीक्षाएं दें। परिश्रम के साथ अपनी तैयारी करें और शांत मन से परीक्षा को पूरा करें। परीक्षा के मध्य किसी भी प्रकार की नकल अथवा अनुचित साधनों से परीक्षा करने में सम्मिलित न हों। नकल रहित परीक्षा ही आपको जीवन में आगे बढ़ा सकती है। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि परीक्षा में आने वाले अंक किसी की प्रतिभा का एकमात्र प्रमाण नहीं है। प्रत्येक बच्चे की प्रतिभा भिन्न भिन्न होती है उसी प्रतिभा के अनुसार बच्चे अपने रुचिकर क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि अनुचित साधनों से परीक्षा में प्रश्नों को करने से विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय बनता है। विद्यार्थियों को परीक्षा में किसी भी प्रकार के अनुचित साधनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बच्चों को समझना होगा कि इन परीक्षाओं में अनुचित साधनों से उत्तीर्ण होने का तात्पर्य स्वयं ही अपने भविष्य को नष्ट करना है। अनुचित साधनों के प्रयोग से आप कभी भी आत्मविश्वास नही प्राप्त कर सकते। आवश्यकता है कि आप स्वयं के प्रति निष्ठावान रहें, आप की अपने कार्य के प्रति सत्यनिष्ठा ही आप को सुदृढ़ व्यक्तित्व का धनी बनाएगी और आप जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता अर्जित करेंगे। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि वर्तमान युग कंपटीशन का युग है। डिजिटल भारत का विस्तार निरंतर बढ़ रहा है। ज्ञान के अभाव में प्रतियोगिता से पार पाना सरल नहीं है। अनुचित साधनों से रहित परीक्षा समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुचित साधन हमारे बच्चों के भविष्य के लिए एक अभिशाप है और इन्हें रोकने के लिए सबको मिलकर उपाय करने की बहुत आवश्यकता है। अनुचित साधनों को लेकर अभिभावकों को भी अपने बच्चों से बात करनी चाहिए और उन्हें उनके भविष्य को लेकर समझाना चाहिए। सामूहिक और सामुदायिक प्रयासों से अनुचित साधनों से रहित परीक्षाएं संपन्न करवाना अधिक कठिन कार्य नहीं हैं। आज प्रातः प्रार्थना सभा में सभी छात्रों एवम छात्राओं ने शपथ ली कि वे किसी भी प्रकार के अनुचित साधनों का प्रयोग परीक्षाओं में नहीं करेंगे और नकल को समाप्त करने में पूर्ण सहयोग करेंगे ताकि प्रतिभा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो। अंग्रेजी प्राध्यापक जितेंद्र गोगिया, रविंद्र डी पी, सोनिया जैन, सुशीला बेनी

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