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महिलाओं को चुनौतियों-बाधाओं का सामना करना पड़ता है : मुर्मू

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राष्ट्रपति ने हरियाणा के स्वास्थ्य कर्मियों व महिला खिलाडिय़ों से मुलाकात की


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को बेटियों को सशक्त बनाने पर बल दिया, हरियाणा की आशा कार्यकर्ताओं और महिला खिलाडिय़ों के साथ मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों के उनके अनुभवों को सुना। वह हरियाणा के दो दिवसीय दौरे पर थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने जीवन में कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है तथा उन्हें अधिक से अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए। मुर्मू ने कहा, उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए ...। उन्होंने कहा कि बेटियों को समाज व देश के लिए सशक्त होना चाहिए।


इस संवाद कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। यह कार्यक्रम हरियाणा के राजभवन में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति ने पूरे देश में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण पेश करने के लिए हरियाणा की बेटियों की जमकर तारीफ की और कहा कि बेटियां शक्ति की प्रतिमूर्ति होती हैं।

उन्होंने कहा कि सभी परिवार को बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने में सहयोग करना चाहिए, जिससे वे सशक्त हों और विभिन्न क्षेत्र में अपना योगदान करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हरियाणा की बेटियों ने खेल के क्षेत्र में अपने परिवार और राज्य का वैश्विक पटल पर गौरव बढ़ाया है, वह महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण है। राष्ट्रपति ने कहा, यदि पुरुष और महिला एक साथ चलेंगे तो परिवार, समाज और देश आगे बढ़ेगा। महिलाओं को हालांकि, पुरुषों की तुलना में अपने जीवन में अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए यह परिवार, समाज और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे बालिकाओं का पोषण करें और उन्हें सशक्त बनाएं। 


उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के हरियाणा में सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की सराहना की और उम्मीद जताई कि राज्य इस तरह के क्रांतिकारी कदम उठाकर प्रदेश की बेटियों का मनोबल बढ़ाता रहेगा। बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान से भी जुड़ी अंबाला की एक आशा कार्यकर्ता ने अवैध लिंग निर्धारण परीक्षणों के खिलाफ अभियान के बारे में अपने अनुभव कार्यक्रम में साझा किए। आशा कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने अवैध लिंग निर्धारण परीक्षणों के खिलाफ राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई 19 छापेमारी में भाग लिया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपनी एक पड़ोसी को लिंग निर्धारण परीक्षण से गुजरने के बाद गर्भपात कराने से रोका। 


राष्ट्रपति ने विभिन्न खेलों में राज्य और देश का नाम रोशन करने वाली महिला खिलाडिय़ों से बातचीत की। माउंट एवरेस्ट और सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर तीन बार तिरंगा फहरा चुकीं हिसार की महिला पर्वतारोही अनीता कुंडू ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि वह ट्रैक्टर चलाती हैं और खेती भी करती हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनके पिता की मृत्यु के बाद मां ने उनका समर्थन किया। वर्ष 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में महिला फ्रीस्टाइल 76 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक विजेता पूजा सिहाग ने कहा कि यह उनके पिता का सपना था कि वह खिलाड़ी बने। सिहाग ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु के बाद, उनकी मां ने हमेशा उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। इस पर, राष्ट्रपति ने कहा कि एक मां में कितनी ताकत होती है, इसे हमेशा बताया जाना चाहिए।


कार्यक्रम के अंत में, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि महिलाओं में कितनी ऊर्जा है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया, यह ऊर्जा किसी परिवार के भीतर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि बेटियों को लेकर अब धारणा बदल गई है और अब लोग लड़कियों के जन्म पर जश्न मनाते हैं। उन्होंने कहा कि अब परिवार अपनी बेटियों को पढ़ाने और हर क्षेत्र में आगे बढऩे में पूरा सहयोग करते हैं। खट्टर ने कहा, हरियाणा की बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और उनके परिवारों के साथ ही हरियाणा सरकार भी बेटियों की मदद कर रही है ताकि वे जीवन में नई ऊंचाई हासिल कर सकें और अपने परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन करें।

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