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गुजरात में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत, 30 लड़ रहे जिंदगी की जंग

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गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 22 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 30 लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। सोमवार को इस केस में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने देर रात शराब बनाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरी ओर भूपेन्द्र पटेल सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। सोमवार को सीएम पटेल ने एक हाई लेवल मीटिंग की और अफसरों को आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया।  


सूत्रों के मुताबिक मुख्य आरोपी ने पूछताछ में बताया कि शराब फैक्ट्री में मेथनॉल की आपूर्ति की जा रही थी। ये केमिकल अहमदाबाद से सीधे सप्लाई किया जाता था। इधर, जिले के प्रभारी मंत्री वीनू मोरदिया ने कहा है कि दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगाी। मंत्री वीनू मरोदिया ने भास्कर के इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये घटना दुखद है और शर्मनाक। हम इसकी जांच करेंगे कि शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब कैसे और कौन बेच रहा है? गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी लागू कर दी गई थी। 2017 में गुजरात सरकार ने शराबबंदी से जुड़े कानून को और कठोर कर दिया था। इसके तहत अगर कोई गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री करता है, तो उसे 10 साल कैद और 5 लाख रुपए जुर्माने की सजा हो सकती है।


बोटाद पुलिस के मुताबिक जहरीली शराब का शिकार हुए सभी लोगों ने रविवार की रात रोजिद के पास बसे नभोई गांव में जाकर शराब पी थी। सोमवार सुबह सभी को पेट दर्द और उल्टियां होने लगीं। परिवार के लोग इन्हें अस्पताल ले गए। दो लोगों की सुबह ही मौत हो गई थी, इसके बाद इलाज के दौरान एक-एक करके 6 और लोगों ने दम तोड़ दिया। सरकार ने जांच के लिए DSP रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच सौंपी है। इसके लिए SIT का गठन किया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि रोजिंद, अणीयाणी, आकरु, चंदरवा और उंचडी गांव के लोग इसकी चपेट में आए हैं।


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