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सीवरेज के खुले मैन होल दे रहे हादसों को न्यौता

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कविता/ फरीदाबाद: पर्वतीया कालोनी, राजीव कालोनी, एनएच-पांच, ओल्ड फरीदाबाद समेत शहर के विभिन्न इलाकों में सीवरेज के खुले मैनहोल के कारण कई लोग घायल हुए और कुछ ने अपनी जान गवां दी। लेकिन इसके बाद भी नगर निगम की लापरवाही के चलते शहर में अब एक बार फिर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शहर में कई जगहों पर सीवर मैनहोल के ढक्कन खुले पड़े हैं। रात में बिना स्ट्रीट लाईटो के अंधेरे वाली सडक़ों पर राहगीरों को यह खुले मैनहोल और भी ज्यादा परेशानी देंगे। जिससे किसी की भी इसके अंदर गिरने से मौत हो सकती है। अधिकारियों को बार-बार इनकी शिकायत देने पर भी नये ढक्कन नहीं लगवाए जा रहे हैं। शहर में कई जगहों पर सीवर मैनहोल के ढक्कन खुले टूटे पड़े हैं।

लोग कर रहे बचाव का प्रयास

विभाग तो सीवरेज के ढक्कन टूटने पर कोई सुध ही नहीं ले रहा है। सीवरेज के खुले मैनहोल पर विभाग न तो नये ढक्कन लगवा रहा और ही यहां कोई चेतावनी बोर्ड लगवा रहा है। ऐसे में यहां अक्सर लोगों को गिरने का खतरा रहता है। लोगों के बार-बार शिकायत करने पर भी निगम अधिकारी इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शहर में करीब आधा दर्जन स्थानों पर मैनहोल खुले पड़े हैं। ऐसे में लोग या तो वहां पत्थर लगा देते है या फिर डंडे में कपड़ा बांधकर संकेत देने का प्रयास करते हैं। लेकिन रात में अंधेरी सडक़ों पर इन उपाय में से कुछ भी काम नहीं आता। 

पूरे शहर का बुरा हाल

करीब 25 लाख की आबादी वाले शहर में करीब साढ़े छह लाख मकान हैं। इन घरों से निकलने वाले गंदे पानी को एकत्रित कर शहर से बाहर ले जाने के लिए सीवर पाइप डाली गई है। इनकी सफाई कराने के लिए जगह-जगह मैनहोल बनाए गए हैं। जब सीवर पाइप जाम होती है तो ढक्कन को खोलकर उसकी सफाई करने का कार्य किया जाता है। लेकिन कई स्थानों पर ढक्कन टूटने से मैनहोल खुले पड़े है। ऐसा नजारा शहर के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिल रहा है। जिसके चलते हर समय दुर्घटना होने का डर बना रहता है। इसे लेकर लोग कई बार शिकायत करते हैं। लेकिन नगर निगम के कान पर जूं नहीं रेंगती। 



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