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America ने बिना धमाके के Ayman al-Zawahiri किया ढेर,अल कायदा का था सरगना,इस Missile का किया इस्तेमाल

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अमेरिका ने दावा किया है कि उसने आतंकवादी संगठन अल कायदा (Al Qaeda) के सरगना अयमान अल जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri killed) को एक ड्रोन हमले (Drone strike) में मार गिराया है। साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा को यह अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक जवाहिरी को अफगानिस्तान में सीआईए के ड्रोन ने मार गिराया। कई मीडिया रिपोर्टों में भी यह बात सामने आई है कि अफगानिस्तान में सप्ताहांत अमेरिकी स्ट्राइक में अल-कायदा के प्रमुख नेता अयमान अल जवाहिरी की मौत हो गई है।


बहरहाल, अब इस खबर की पुष्टि स्वयं राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने संबोधन में कर दी है। सोमवार शाम को अपने संबोधन में राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि 'न्याय की जीत हुई। अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी काबुल में एक हवाई हमले में मारा गया है। साफ है अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और बाहर निकालेगा, आप चाहे कहीं भी छिप जाएं, चाहे कितना भी समय लगे।'

बाइडन ने कहा कि 'शनिवार को मेरे निर्देश पर अफगानिस्तान के काबुल में सफलतापूर्वक ड्रोन स्ट्राइक की गई, इसमें अलकायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी की मौत हो गई। यह 11 नवंबर 2001 को हुए हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक और कदम है। अंत में उन्होंने कहा- अब न्याय मिल गया है। बाइडन ने कहा कि अब मैं अफगानिस्तान को आतंकवादियों के लिए कभी भी, बिल्कुल भी सुरक्षित जगह नहीं बनने दूंगा। साथ ही ध्यान रखूंगा कि ऐसा आगे भी नहीं हो सके।'



मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि इस हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक 'निंजा मिसाइल' के नाम से पहचाने जाने वाले हेलफायर आर9एक्स हथियार का इस्तेमाल किया। यह वही हथियार है, जिससे अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को मार दिया गया था। आइए जानते हैं अमेरिका ने कैसे दिया ऑपरेशन को अंजाम और किस तरह से काम करती है अमेरिकी 'निंजा मिसाइल'...



अमेरिका ने पहले ही तय कर लिया था कि सोमवार का दिन अल-जवाहिरी के लिए आखिरी होगा। यही कारण है कि व्हाइट हाउस ने सोमवार दोपहर को घोषणा की कि जो बाइडन शाम को 'एक सफल आतंकवाद विरोधी अभियान' के बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन व्हाइट हाउस ने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया था। शाम होते-होते अमेरिकी राष्ट्रपति ने अल-जवाहिरी की मौत की पुष्टि कर ली। 



रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-जवाहिरी की मौत की अब तक जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें न ही किसी विस्फोट के निशान मिले हैं और न ही किसी खून-खराबे के। इसके बावजूद सीआईए ने इस मिशन को अंजाम दिया। दरअसल, ड्रोन हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक हेलफायर आर9एक्स मिसाइल का इस्तेमाल किया। यह मिसाइल अन्य मिसाइलों की तरह विस्फोट नहीं करती। बल्कि, इसके अंदर से चाकू जैसे ब्लेड्स निकलते हैं, जो टारगेट पर सटीक निशाना लगाते हैं। हेलफायर मशीन को काफी घातक और टारगेट पर सटीक निशाना बनाने के लिए ही पहचाना जाता है। इससे आस-पास के लोगों को कोई चोट नहीं पहुंचती है। अपने संबोधन में, जो बाइडन ने कहा भी है कि सटीक हमले में जवाहिरी के परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ।


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